Paying Rent News – अब सिर्फ किराया देना ही मकान पर हक जताने के लिए काफी नहीं रह गया है। अगर आप सोचते हैं कि महीने का किराया नियमित रूप से देने से किसी घर पर आपका दावा बन जाता है, तो यह गलतफहमी अब आपको भारी पड़ सकती है। हाल ही में भारत में किरायेदारी से जुड़े कानूनों में अहम बदलाव किए गए हैं, जिनका मकसद मकान मालिक और किरायेदार दोनों के अधिकारों की स्पष्टता और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। नए नियमों के मुताबिक, किसी भी किरायेदार को मकान पर अधिकार जताने के लिए सिर्फ रसीद या किराया भुगतान का रिकॉर्ड ही नहीं, बल्कि कई ठोस कानूनी दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होंगे। सरकार ने ये बदलाव खासकर शहरी इलाकों में बढ़ते किरायेदारी विवादों और अदालतों में लंबित मामलों को देखते हुए किया है। अब अगर आप किराए के घर में रह रहे हैं, तो जरूरी है कि आप अपने सभी दस्तावेज सही रखें, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की कानूनी दिक्कत से बचा जा सके।

भारत में किरायेदारी कानून में हुआ बड़ा बदलाव
भारत सरकार ने किरायेदारी और प्रॉपर्टी स्वामित्व से जुड़े नियमों में कुछ कड़े प्रावधान शामिल किए हैं। पहले जब कोई व्यक्ति वर्षों तक किराया देता था, तो कई बार वह उस मकान पर स्थायी अधिकार का दावा कर देता था। अब इस प्रक्रिया को रोकने के लिए सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ किराया देने से किसी भी प्रॉपर्टी पर स्वामित्व नहीं बनता। अब मकान पर अधिकार जताने के लिए जरूरी होगा कि आपके पास रेंट एग्रीमेंट, आधार कार्ड पर वही पता, बिजली-पानी के बिल पर आपका नाम, और बैंक स्टेटमेंट में रेंट भुगतान का रिकॉर्ड मौजूद हो। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आप सिर्फ किरायेदार हैं और मकान मालिक का हक सुरक्षित है। इस बदलाव से खासकर मेट्रो शहरों में मकान मालिकों को राहत मिलेगी जो अब बेझिझक मकान किराए पर दे सकेंगे।

क्या अब किरायेदार दावा नहीं कर सकते?
नए कानून के तहत, किरायेदार अगर मकान पर किसी प्रकार का दावा करना चाहता है तो उसे कई जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। सिर्फ किराया रसीद या बिजली बिल से अब मकान पर कब्जे का दावा नहीं चलेगा। जरूरी दस्तावेजों में शामिल हैं: रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट, जिसमें मकान मालिक और किरायेदार दोनों के हस्ताक्षर हों; आधार या वोटर ID जिसमें वही पता हो; बिजली या पानी का बिल जिसमें किरायेदार का नाम हो; और रेंट भुगतान का बैंक ट्रांजैक्शन। बिना इन सबूतों के अब कोई भी मकान पर दावा नहीं कर सकेगा। इससे फर्जी कब्जे और झूठे दावे करने वालों पर कानूनी शिकंजा कसेगा।
किरायेदार और मकान मालिक दोनों रहें सतर्क
यह बदलाव न सिर्फ मकान मालिकों के लिए राहत की खबर है बल्कि किरायेदारों के लिए चेतावनी भी है कि वे किसी भी मकान में रहने से पहले सारे दस्तावेज ठीक से बनवाएं। वहीं, मकान मालिकों को भी सलाह दी जाती है कि वे बिना एग्रीमेंट के किसी को मकान किराए पर न दें और हर ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड रखें। इससे भविष्य में दोनों पक्षों के लिए कानूनी सुरक्षा बनी रहेगी।