Staff Salary Doubled – देशभर के आउटसोर्स स्टाफ के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। सरकार ने दिवाली से पहले ही दोगुनी सैलरी देने का ऐलान कर दिया है। यह निर्णय लाखों कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर लेकर आया है, जो लंबे समय से स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन और सुविधाओं की मांग कर रहे थे। इस फैसले से न केवल कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि होगी बल्कि उनके परिवारों को भी आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिलेगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, बढ़ी हुई सैलरी अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से लागू की जाएगी और इसका प्रभाव दिवाली बोनस के साथ दिखेगा। यह फैसला उन सभी सरकारी और निजी संस्थानों पर लागू होगा जो आउटसोर्सिंग के तहत स्टाफ को नियुक्त करते हैं। सरकार का मानना है कि इससे कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ेगी और कार्य गुणवत्ता में सुधार आएगा।

आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी का फैसला
आउटसोर्स कर्मचारियों को लंबे समय से कम वेतन और अस्थायी रोजगार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। सरकार के इस कदम से अब इन कर्मचारियों को उनके अनुभव और कार्य प्रदर्शन के अनुसार उचित वेतन मिलने का रास्ता खुल गया है। नई नीति के तहत, आउटसोर्स स्टाफ की न्यूनतम सैलरी ₹18,000 से बढ़ाकर ₹36,000 प्रति माह कर दी जाएगी। यह बढ़ोतरी विशेष रूप से सफाईकर्मी, सुरक्षा गार्ड, क्लेरिकल स्टाफ और हेल्पर जैसे कर्मचारियों पर लागू होगी। इस नीति से लाखों परिवारों को आर्थिक स्थिरता मिलेगी और कर्मचारियों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए नई निगरानी प्रणाली भी शुरू की जाएगी।
दिवाली से पहले लागू होगा नया वेतन स्ट्रक्चर
दिवाली से पहले सरकार की यह घोषणा कर्मचारियों के लिए किसी बड़े त्योहार उपहार से कम नहीं है। श्रम मंत्रालय ने सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक नया वेतन स्ट्रक्चर लागू कर दिया जाए। इस योजना के तहत आउटसोर्स कर्मचारियों को अब ओवरटाइम, छुट्टी भत्ता और बोनस जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी। इससे पहले कई बार ऐसे कर्मचारियों को समय पर भुगतान न मिलने की शिकायतें आती थीं, जिन्हें अब इस नई व्यवस्था से दूर किया जा सकेगा। साथ ही, यह निर्णय निजी ठेकेदारों को भी अधिक पारदर्शी भुगतान प्रणाली अपनाने के लिए बाध्य करेगा।
निजी संस्थानों पर भी लागू होंगे नए नियम
सरकारी विभागों के साथ-साथ निजी संस्थानों को भी अब आउटसोर्स कर्मचारियों को नए वेतनमान के अनुसार भुगतान करना होगा। श्रम मंत्रालय की टीम इन संस्थानों की नियमित जांच करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नियमों का पालन किया जा रहा है। यदि कोई संस्था नए वेतनमान का उल्लंघन करती पाई गई, तो उस पर ₹5 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, श्रमिकों को अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज कराने की सुविधा भी दी जाएगी। यह कदम आउटसोर्सिंग सेक्टर में पारदर्शिता और कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।

कर्मचारियों में खुशी की लहर और आर्थिक प्रभाव
इस फैसले के बाद पूरे देश में आउटसोर्स स्टाफ के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है। कई कर्मचारियों ने इसे दिवाली का “सरकारी बोनस” बताया है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इससे न केवल कर्मचारियों की आय बढ़ेगी, बल्कि बाजार में उपभोक्ता खर्च भी बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि दोगुनी सैलरी मिलने से कर्मचारियों की नौकरी छोड़ने की प्रवृत्ति में कमी आएगी और वे लंबे समय तक संस्थान से जुड़े रहेंगे। कुल मिलाकर, यह निर्णय आउटसोर्स स्टाफ के जीवनस्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।